प्राकृतिक आपदा से तबाही, सैकड़ों किसानों ने किया प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपा

लगातार अतिवृष्टि के चलते मालथौन क्षेत्र में किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं। खेतों में पानी भरने से सोयाबीन, मूंग, उड़द और तिल की फसलें पूरी तरह सड़ गई हैं। इस संकट से जूझ रहे किसानों ने सामूहिक रूप से तहसील कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। किसानों की मांग है कि तत्काल सर्वे कराकर नुकसान का आकलन किया जाए। प्रगति मानव कल्याण परिषद् पत्रकार प्रकोष्ठ के नेतृत्व में सौंपे गए ज्ञापन में उचित मुआवजे और राहत पैकेज की मांग की गई। किसान नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र राहत नहीं मिली तो वे आंदोलन करेंगे। ज्ञापन सौंपते समय बड़ी संख्या में ग्रामीण और किसान प्रतिनिधि मौजूद रहे। किसानों का कहना है कि वे कर्ज और प्राकृतिक आपदा की दोहरी मार झेल रहे हैं। उन्होंने सरकार से शीघ्र हस्तक्षेप और आर्थिक सहायता की अपील की है।

Jul 18, 2025 - 17:04
Jul 18, 2025 - 18:14
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प्राकृतिक आपदा से तबाही, सैकड़ों किसानों ने किया प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपा

मालथौन (सागर, मध्यप्रदेश):


क्षेत्र में पिछले कई दिनों से हो रही लगातार अतिवृष्टि के कारण किसानों की खड़ी फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। इस गंभीर समस्या को लेकर शुक्रवार को प्रगति मानव कल्याण परिषद् पत्रकार प्रकोष्ठ के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने एकजुट होकर मालथौन तहसील कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

किसानों का कहना है कि अधिक वर्षा के कारण खेतों में पानी भर गया है, जिससे सोयाबीन, मूंग, उड़द और तिल जैसी खरीफ फसलें गलकर बर्बाद हो गई हैं। खेतों की मिट्टी भी खराब हो चुकी है, जिससे भविष्य में फसल बोना कठिन हो सकता है।

प्रभावित किसानों ने सरकार से मांग की है कि तुरंत खेतों का सर्वे कराकर उन्हें फसल क्षति का उचित मुआवजा प्रदान किया जाए, जिससे वे दोबारा खेती करने योग्य हो सकें और कर्ज के जाल में न फंसें।

ज्ञापन सौंपते समय किसानों ने कहा कि वे पिछले कई वर्षों से प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहे हैं, लेकिन हर बार सरकारी सहायता बहुत देर से मिलती है या पूरी नहीं मिलती। इस बार यदि समय पर राहत नहीं दी गई, तो वे सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।

किसानों का यह भी कहना है कि मालथौन क्षेत्र में हजारों एकड़ फसल नष्ट हो चुकी है। इस स्थिति में सरकारी राहत पैकेज और खाद-बीज की विशेष सहायता बेहद जरूरी है।

ज्ञापन के माध्यम से किसानों ने सरकार से मांग की कि –

  1. तत्काल सर्वे कराया जाए

  2. नुकसान का निष्पक्ष आकलन किया जाए

  3. प्रभावित किसानों को तुरंत राहत राशि दी जाए

  4. बीमा दावा प्रक्रिया को सरल बनाया जाए

  5. दोबारा बोनी के लिए मुफ्त खाद-बीज की व्यवस्था की जाए

इस मौके पर बड़ी संख्या में किसान तहसील पहुंचे, जिनमें कई गांवों के किसान और जनप्रतिनिधि शामिल थे। सभा में किसानों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया और सरकार से संवेदनशीलता दिखाने की अपील की।

ज्ञापन सौंपते समय प्रगति मानव कल्याण परिषद् पत्रकार प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष हरगोविन्द सिंह लोधी, वरिष्ठ पत्रकार अरविन्द पाल, जितेन्द्र लोधी (मालथौन), विधायक प्रतिनिधि भीकम सिंह यादव, निरभान सिंह, प्रकाश माहुल, सोवरन सिंह नेगुवा, सिरनाम सिंह यादव (कुवरपुरा), जसरथ सिंह लोधी (जामुनढाना), सुरेश गुसाई (बरौदिया), प्रेमनारायण पाल, संतोष दीक्षित, केपी परमार (किशनगढ़), अजमेर सिंह, मनोज अंडेला, अर्जुन लोधी और अन्य सैकड़ों किसान मौजूद रहे।

प्रगति मानव कल्याण परिषद् के पदाधिकारियों ने कहा कि यदि प्रशासन ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा और इसकी जिम्मेदारी शासन की होगी।

किसानों ने अंत में सरकार से अपील की कि प्राकृतिक आपदा की इस स्थिति को आपातकालीन राहत की श्रेणी में रखा जाए और जल्द से जल्द सहायता उपलब्ध कराई जाए।