प्रतापगढ़: डीएम का पुस्तकालय निरीक्षण और छात्रों को दी सफलता की राह

जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी ने राजकीय जिला पुस्तकालय प्रतापगढ़ का निरीक्षण किया और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों से संवाद किया। डीएम ने छात्रों को एक समय में एक परीक्षा की तैयारी करने, समाचार पत्र पढ़ने और एनसीईआरटी की किताबों पर ध्यान देने की सलाह दी। उन्होंने पढ़ना, लिखना, सुनना और ग्रुप डिस्कशन को सफलता की कुंजी बताया। पुस्तकालय की सुविधाओं से संतुष्ट दिखे डीएम ने और सुधार के निर्देश दिए। उन्होंने फ्रंटलाइन पत्रिका, दर्शनशास्त्र और न्याय संहिता की किताबें मंगाने को कहा। पुरानी पुस्तकों की बाइंडिंग, नई अलमारियों की खरीद और भवन की मरम्मत के निर्देश भी दिए। निरीक्षण के दौरान पुस्तकालय स्टाफ व अध्ययनरत छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। डीएम ने छात्रों को समय का सदुपयोग कर अनुशासन के साथ पढ़ाई करने को कहा। पुस्तकालय को आधुनिक और डिजिटल बनाने की योजना पर बल दिया गया। छात्रों ने डीएम के सुझावों से प्रेरणा ली और उन्हें धन्यवाद दिया।

Jul 18, 2025 - 19:15
Jul 18, 2025 - 19:17
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प्रतापगढ़: डीएम का पुस्तकालय निरीक्षण और छात्रों को दी सफलता की राह

प्रतापगढ़ जिले के जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी ने राजकीय जिला पुस्तकालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पुस्तकालय में मौजूद छात्रों से सीधा संवाद किया और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी को लेकर मार्गदर्शन दिया। डीएम का यह दौरा छात्रों के लिए बेहद प्रेरणादायक रहा। उन्होंने लगभग 30 मिनट तक पुस्तकालय में समय बिताया और छात्रों की समस्याएं सुनीं। उन्होंने छात्रों को सफलता के टिप्स भी दिए।

जिलाधिकारी ने छात्रों से कहा कि वे एक समय में केवल एक प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करें ताकि ध्यान बंटने से बचा जा सके। उन्होंने समाचार पत्र पढ़ने की आदत डालने की सलाह दी। अंग्रेज़ी में ‘द हिंदू’ और ‘इंडियन एक्सप्रेस’ तथा हिंदी में ‘दैनिक भास्कर’ जैसे अखबारों को पढ़ने की बात कही। उन्होंने बताया कि ये अखबार करंट अफेयर्स और विश्लेषणात्मक सोच को बेहतर बनाने में सहायक हैं।

डीएम ने एनसीईआरटी की हाई स्कूल और इंटर की किताबों से बुनियादी तैयारी करने को कहा। उन्होंने बताया कि पढ़ना, लिखना, सुनना और ग्रुप डिस्कशन करने से विषयों की समझ बढ़ती है। उन्होंने छात्रों से सिलेबस को पूरी तरह समझने और याद करने, तथा विगत वर्षों के प्रश्न पत्रों को हल करने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि सफलता पाने के लिए आत्मविश्वास, निरंतर अभ्यास और अनुशासन अत्यंत आवश्यक हैं।

निरीक्षण के दौरान डीएम ने पुस्तकालय की व्यवस्थाओं को ठीक पाया लेकिन उन्होंने सुधार के कुछ बिंदुओं पर विशेष ध्यान देने की जरूरत बताई। उन्होंने पुस्तकालयाध्यक्ष नसरत अली और जिला विद्यालय निरीक्षक ओमकार राणा को निर्देश दिए कि प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित पुस्तकों की संख्या में बढ़ोतरी की जाए। विशेष रूप से फ्रंटलाइन पत्रिका, दर्शनशास्त्र और भारतीय न्याय संहिता से जुड़ी पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएं।

उन्होंने पुरानी पुस्तकों की बाइंडिंग कराने, जर्जर अलमारियों को बदलकर नई अलमारियां क्रय करने और पुस्तकालय भवन के मरम्मत कार्य की जरूरत पर बल दिया। डीएम का स्पष्ट निर्देश था कि पुस्तकालय को आधुनिक और उपयोगी बनाया जाए ताकि छात्र यहां बेहतर वातावरण में अध्ययन कर सकें।

निरीक्षण के दौरान पुस्तकालय का पूरा स्टाफ उपस्थित रहा, जिनमें लाइब्रेरी कोऑर्डिनेटर मोहम्मद शोएब, कंप्यूटर ऑपरेटर राहुल पटेल, ऑफिस बॉय शैलेन्द्र सिंह और होम गार्ड मेवा लाल शामिल थे। पुस्तकालय में अध्ययनरत सभी छात्र-छात्राएं इस दौरान वहां मौजूद रहे और उन्होंने डीएम से बातचीत का लाभ उठाया।

छात्रों ने डीएम से अपने सवाल पूछे और उन्होंने सहजता से उनके उत्तर दिए। डीएम ने छात्रों को बताया कि अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए योजना के साथ पढ़ाई करना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि समय की बर्बादी से बचें और सोशल मीडिया व व्यर्थ के कार्यों में समय न गवाएं। समय का सही उपयोग ही सफलता की कुंजी है।

डीएम ने पुस्तकालय की स्वच्छता व्यवस्था की सराहना की, लेकिन साथ ही कुछ सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने छात्रों की मांग पर पुस्तकालय का समय बढ़ाने के संबंध में भी विचार करने की बात कही। डीएम ने बताया कि आने वाले समय में पुस्तकालयों को डिजिटल सुविधाओं से युक्त किया जाएगा ताकि ग्रामीण और दूरदराज के छात्र भी इसका लाभ उठा सकें।

उन्होंने सुझाव दिया कि डिजिटल लॉगिन सिस्टम, ई-लर्निंग, ऑनलाइन जर्नल्स और करियर गाइडेंस सेमिनार को पुस्तकालयों में शामिल किया जाए। छात्राओं की उपस्थिति को देखते हुए उन्होंने महिला विद्यार्थियों के लिए विशेष सुविधाएं सुनिश्चित करने को कहा। डीएम ने सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे बढ़ाने की बात भी रखी।

पुस्तकालय को सिर्फ किताबों तक सीमित न रखते हुए उसे संवाद, विचार और नवाचार का केंद्र बनाने की बात कही गई। छात्रों को भविष्य में अधिक आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए प्रशासन द्वारा हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया गया। उन्होंने कहा कि प्रशासन छात्रों के उज्जवल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध है।

छात्रों में डीएम के निरीक्षण के बाद पढ़ाई को लेकर नई ऊर्जा और आत्मविश्वास देखने को मिला। पुस्तकालयाध्यक्ष और स्टाफ ने जिलाधिकारी के निर्देशों को गंभीरता से लिया और उन्हें शीघ्र क्रियान्वयन का आश्वासन दिया। इस निरीक्षण ने न केवल पुस्तकालय के वातावरण को सुधारने की दिशा में कदम बढ़ाया बल्कि छात्रों को शिक्षा के प्रति और अधिक जागरूक और प्रेरित भी किया।

डीएम ने अंत में छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए उन्हें कड़ी मेहनत और एकाग्रता के साथ आगे बढ़ने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता पाने के लिए सही दिशा में लगातार प्रयास करना जरूरी है। पुस्तकालय को एक सशक्त अध्ययन केंद्र के रूप में विकसित करने की यह पहल प्रतापगढ़ में शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन का संकेत है।