प्रतापगढ़: डीएम-एसपी ने कुण्डा में सम्पूर्ण समाधान दिवस पर सुनीं 307 जन समस्याएं, 25 का हुआ मौके पर निस्तारण
प्रतापगढ़ जिले के कुण्डा तहसील में जिला स्तरीय सम्पूर्ण समाधान दिवस का आयोजन हुआ। डीएम शिव सहाय अवस्थी और एसपी डॉ. अनिल कुमार ने जनता की 307 समस्याएं सुनीं। 25 मामलों का मौके पर ही निस्तारण किया गया, बाकी मामलों के लिए विभागों को निर्देश दिए गए। शिकायतें राजस्व, पुलिस, विकास, समाज कल्याण, स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य विभागों से जुड़ी थीं। डीएम ने अधिकारियों को प्रत्येक शिकायत का गंभीरता से समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करने को कहा। भूमि विवादों के लिए राजस्व व पुलिस विभाग की संयुक्त टीम गठित करने के निर्देश दिए गए। डीएम ने कहा कि कोई भी व्यक्ति न्याय और सरकारी योजनाओं से वंचित न रहे। कार्यक्रम के अंत में उप निबंधक कार्यालय भवन का शिलान्यास भी किया गया। शिविर में सभी जनपद स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे और समस्याओं पर फॉलोअप का निर्देश मिला। जनता ने समाधान दिवस में प्रशासन की सक्रियता और संवेदनशीलता की सराहना की।

प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश — शनिवार को तहसील कुण्डा में जिला स्तरीय सम्पूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी एवं पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार ने सम्मिलित होकर जन समस्याओं को सुना और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
इस अवसर पर कुल 307 शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें से 25 मामलों का मौके पर निस्तारण कराया गया। शेष शिकायतों को संबंधित विभागों को सौंपते हुए जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि सभी समस्याओं का गुणवत्तापूर्ण एवं समयबद्ध समाधान सुनिश्चित किया जाए।
प्राप्त शिकायतों में 172 शिकायतें राजस्व विभाग, 66 शिकायतें पुलिस विभाग, 26 शिकायतें विकास विभाग, 4-4 शिकायतें समाज कल्याण, शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग से संबंधित रहीं, जबकि 31 अन्य विभागों से जुड़ी शिकायतें प्राप्त हुईं।
डीएम ने निर्देश दिए कि जिन विभागों को कम शिकायतें प्राप्त हुई हैं, वे सम्पूर्ण समाधान दिवस के उपरांत मौके पर जाकर मामलों की स्थल निरीक्षण कर जांच करें और उसका तत्काल समाधान कर मुख्यालय को सूचित करें।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को यह भी स्पष्ट किया कि हर शिकायत को गंभीरता से लिया जाए और किसी भी स्तर पर लापरवाही या टालमटोल न हो। शिकायतों के निस्तारण में देरी अथवा गुणवत्ता में कमी पाई गई तो संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी।
भूमि विवादों को लेकर जिलाधिकारी ने राजस्व एवं पुलिस विभाग की संयुक्त टीम गठित करने का आदेश दिया, ताकि ऐसे विवादों को प्राथमिकता देते हुए मौके पर निस्तारित किया जा सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि शासन की मंशा है कि कोई भी व्यक्ति न्याय से वंचित न रहे और उसकी समस्या का समाधान उचित प्रक्रिया एवं त्वरित कार्रवाई से किया जाए।
डीएम ने कहा कि सम्पूर्ण समाधान दिवस केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह जनसुनवाई का प्रभावी माध्यम है जिसके जरिए प्रशासन सीधे जनता से संवाद कर उनकी समस्याएं हल करता है। ऐसे कार्यक्रम शासन की जनउत्तरदायीता और जनसेवा भावना को दर्शाते हैं।
उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि सभी पात्र लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ समय पर मिले। कोई भी गरीब, वृद्ध, महिला या जरूरतमंद व्यक्ति किसी योजना से वंचित न रहे, इसका विशेष ध्यान रखा जाए।
सम्पूर्ण समाधान दिवस में आए कई फरियादियों ने अपने व्यक्तिगत, सामाजिक, भूमि विवाद, पेंशन, आवास, शौचालय निर्माण, राशन कार्ड, पुलिस शिकायत, आर्थिक सहायता, चिकित्सा सुविधा जैसे विविध विषयों से जुड़ी समस्याएं प्रस्तुत कीं।
सुनवाई के दौरान डीएम एवं एसपी ने कुछ गंभीर मामलों में तुरंत मौके पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए और अधिकारियों से पूछताछ भी की। वहीं कुछ मामलों में पीड़ितों को उचित कानूनी मार्गदर्शन भी दिया गया।
डीएम ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी शिकायतों का फॉलोअप किया जाए और समाधान की स्थिति रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाए।
कार्यक्रम के समापन के बाद जिलाधिकारी ने तहसील परिसर स्थित कार्यालय उप निबंधक कुण्डा भवन का शिलान्यास भी किया। उन्होंने निर्माण कार्य समय से पूरा करने के निर्देश दिए और भवन की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने को कहा।
सम्पूर्ण समाधान दिवस में उप जिलाधिकारी कुण्डा, तहसीलदार, राजस्व अधिकारी, पुलिस प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, विकास विभाग, नगर पंचायत अधिकारी, समाज कल्याण अधिकारी सहित सभी जनपद स्तरीय विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
जनसमस्या समाधान शिविर की पूरी कार्यवाही शांति, अनुशासन और पारदर्शिता के साथ संपन्न हुई। फरियादियों ने अधिकारियों की सक्रियता एवं संवेदनशीलता की सराहना की।
डीएम ने अंत में कहा कि प्रशासनिक जिम्मेदारियों के केंद्र में जनता की समस्याओं का समाधान होना चाहिए। सम्पूर्ण समाधान दिवस को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सभी विभाग समन्वय के साथ कार्य करें और जनहित को सर्वोपरि मानते हुए कार्रवाई करें।
उन्होंने दोहराया कि जनशिकायतों का त्वरित समाधान ही अच्छे प्रशासन की पहचान है और इसी दिशा में कार्य करते हुए प्रतापगढ़ प्रशासन जनता के विश्वास पर खरा उतरने का प्रयास कर रहा है।
यह आयोजन शासन की जनहितकारी नीतियों, पारदर्शी व्यवस्था और प्रभावी कार्य संस्कृति को जमीनी स्तर पर लागू करने का सशक्त उदाहरण बना।